राखी महूरत क्या हैं भद्र का साया रक्षाबंधन 2024 सुबह महूरत ? रक्षाबंधन 2024: राखी बांधने का सही समय और भद्राकाल

रक्षाबंधन 2024: राखी बांधने का सही समय और भद्राकाल

धर्म डेस्क, अमर उजाला

रक्षाबंधन, भाई-बहन के रिश्ते का विशेष पर्व है। इस साल यह त्योहार 19 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के दिन भाई-बहन के रिश्ते को मान्यता देने के लिए राखी बांधी जाती है। लेकिन इस साल भद्राकाल की वजह से राखी बांधने का समय खास तरीके से देखा जाएगा।

भद्राकाल और राखी बांधने का सही समय

भद्राकाल का समय:

  • भद्रा पूंछ: सुबह 09:51 बजे से 10:53 बजे तक
  • भद्रा मुख: सुबह 10:53 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक
  • भद्रा का अंत: दोपहर 01:30 बजे

भद्राकाल वह समय होता है जब किसी भी शुभ काम को करना ठीक नहीं माना जाता है। इस दौरान राखी बांधना भी शुभ नहीं होता। इसलिए, इस साल राखी बांधने का समय भद्राकाल के समाप्त होने के बाद से ही शुभ माना जाएगा।

राखी बांधने का शुभ समय:

  • शुभ समय शुरू: दोपहर 01:30 बजे से
  • शुभ समय समाप्त: रात 09:07 बजे तक

इस साल, राखी बांधने का सही समय दोपहर 01:30 बजे से शुरू होता है और रात 09:07 बजे तक रहता है। इस समय के बीच राखी बांधना धार्मिक दृष्टि से सही माना जाता है।

पूजा की विधि और खास बातें

पूजा विधि:

  1. भगवान शिव की पूजा: रक्षाबंधन के दिन सावन का आखिरी सोमवार भी होता है। इसलिए, पहले भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। शिवलिंग पर गंगाजल और दूध चढ़ाएं। बेलपत्र, धतूरा और गंगाजल चढ़ाएं और मिठाई तथा फल चढ़ाकर महादेव की आरती करें। यह पूजा इस दिन को और भी खास बना देती है।
  2. राखी बांधने की विधि:
  • एक थाली में रोली, चावल, मिठाई और राखी रखें।
  • भाई को तिलक लगाएं।
  • दाहिने हाथ में राखी बांधें और मिठाई खिलाएं।
  • राखी बांधने के बाद, शाम को भगवान शिव की पूजा करें। ऐसा करने से जीवन में सुख और समृद्धि बढ़ती है।

राखी बांधने के नियम:

  • भाई: राखी हमेशा दाएं हाथ में बांधनी चाहिए।
  • विवाहित बहन: बाएं हाथ में राखी बांधनी चाहिए।
  • काले रंग से परहेज: काले रंग के कपड़े पहनने से बचें, क्योंकि इसे नकारात्मक ऊर्जा से जोड़ा जाता है।

रक्षाबंधन के शुभ संयोग

रक्षाबंधन के दिन कुछ खास शुभ संयोग बन रहे हैं:

  • रवि योग: प्रातः 05:53 से 08:10 तक
  • सर्वार्थ सिद्धि योग: प्रातः 05:53 से 08:10 तक
  • शोभन योग: प्रातः 05:53 से रात तक
  • राज पंचक: सायं 07:00 बजे से 20 अगस्त प्रातः 05:53 तक

ये शुभ संयोग इस दिन की पूजा और राखी बांधने के महत्व को और बढ़ाते हैं। इन संयोगों में पूजा करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं।

रक्षाबंधन के शुभकामना संदेश

रक्षाबंधन के इस खास दिन पर भाई-बहन को शुभकामनाएं देना न भूलें:

  1. संदेश 1: “कच्चे धागों से बनी पक्की डोर है राखी, प्यार और मीठी शरारतों की होड़ है राखी। भाई की लंबी उम्र की दुआ है राखी, बहन के स्नेह का पवित्र प्रतीक है राखी। रक्षाबंधन की शुभकामनाएं!”
  2. संदेश 2: “बहन का प्यार किसी दुआ से कम नहीं होता, वो चाहे दूर भी हो तो गम नहीं होता। भाई-बहन का प्यार कभी कम नहीं होता, रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं!”

इस पर्व को अपने परिवार और दोस्तों के साथ खुशी और समर्पण के साथ मनाएं। अपने भाई-बहन के साथ प्यार और स्नेह को साझा करें और इस पावन अवसर का पूरा आनंद लें।

रक्षाबंधन की तैयारी

रक्षाबंधन से पहले कई तैयारी करनी होती है, ताकि यह दिन खास बन सके। यहाँ कुछ टिप्स हैं जो आपकी तैयारी को आसान बना सकते हैं:

  1. राखी का चुनाव: अपने भाई के लिए सुंदर राखी का चुनाव करें। कई प्रकार की राखी उपलब्ध होती हैं जैसे कि सजीव राखी, चमकदार राखी, और हाथ से बनी राखी।
  2. पूजा सामग्री: पूजा के लिए जरूरी चीजें जैसे कि रोली, चावल, मिठाई, और राखी एक जगह पर रख लें। साथ ही, तिलक के लिए अच्छे से तैयार रहें।
  3. भाई के लिए उपहार: राखी के दिन अपने भाई को एक छोटा सा उपहार देना न भूलें। यह उपहार उसे आपकी चिंता और प्यार का एहसास कराएगा।
  4. खाना और मिठाई: खासतौर पर इस दिन स्वादिष्ट मिठाइयाँ बनाएं या मंगवाएं। राखी पर मिठाई का खास महत्व होता है।
  5. परिवार के साथ समय: इस दिन को खास बनाने के लिए परिवार के साथ समय बिताएं। साथ में भोजन करें और एक-दूसरे के साथ खुशी मनाएं।

राखी के दिन की महत्वपूर्ण बातें

रक्षाबंधन के दिन, कुछ खास बातें हैं जिनका ध्यान रखना चाहिए:

  1. भद्राकाल का ध्यान रखें: भद्राकाल के समय में कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए। इस समय का ध्यान रखते हुए राखी बांधने का सही समय चुनें।
  2. सफाई का ध्यान: पूजा स्थल और घर को साफ रखें। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से सही है बल्कि घर के वातावरण को भी सकारात्मक बनाता है।
  3. सभी से मिलें: अपने परिवार और रिश्तेदारों से मिलें। इस दिन को सबके साथ खुशी से बिताएं और सभी को राखी की शुभकामनाएं दें।
  4. अच्छी भावना: इस दिन पर एक अच्छा मनोबल बनाए रखें। भाई-बहन के रिश्ते की मिठास और प्रेम को महसूस करें और इसका आनंद लें।

रक्षाबंधन की धार्मिक महत्वता

रक्षाबंधन का त्योहार भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह भाई-बहन के रिश्ते को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन, बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उसकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है। भाई अपनी बहन को रक्षा का आश्वासन देता है और उसे उपहार भी देता है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, रक्षाबंधन का त्योहार खासतौर पर श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन को विशेष रूप से शुभ माना जाता है और पूजा अर्चना के साथ यह त्योहार मनाया जाता है।

रक्षाबंधन की धार्मिक मान्यता

रक्षाबंधन की धार्मिक मान्यता बहुत पुरानी है। इसे विभिन्न पौराणिक कथाओं और इतिहास के साथ जोड़ा जाता है। कुछ प्रमुख मान्यताएँ इस प्रकार हैं:

  1. महाभारत की कथा: महाभारत के अनुसार, द्रौपदी ने भगवान कृष्ण को राखी बांधी थी। इसके बदले में, भगवान कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा की थी जब दुर्योधन ने उसे परेशान किया था।
  2. राजपूतों की परंपरा: राजपूतों की परंपरा में, जब कोई बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती थी, तो वह उसे रक्षा का वचन देती थी। भाई भी अपनी बहन को सुरक्षा का आश्वासन देता था।
  3. पौराणिक कथा: पौराणिक कथाओं के अनुसार, रक्षाबंधन का त्योहार राक्षसों और देवताओं के बीच के संघर्ष से भी जुड़ा है। इस दिन को अच्छाई की विजय के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

अंत में

रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाने का एक खास अवसर है। यह दिन प्रेम, स्नेह और सुरक्षा का प्रतीक है। सही समय पर राखी बांधना, पूजा विधि को सही से पालन करना और परिवार के साथ खुशी से समय बिताना इस दिन की खासियत को और बढ़ाता है।

इस रक्षाबंधन, अपने भाई-बहन के साथ इस खास दिन को पूरी तरह से एन्जॉय करें। अपने प्यार और स्नेह को साझा करें और इस पर्व की खुशी को बढ़ाएं। इस दिन की सभी शुभकामनाएं और प्रेम आपके परिवार और रिश्तेदारों के साथ हमेशा बनी रहे।

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