मध्यप्रदेश पूर्व CM शिवराज सिंह चौहान की संपत्ति क्या हैं ?

64 वर्षीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने शपथ पत्र में कुल 8.62 करोड़ रुपये की संपत्ति बताई है। 2018 के चुनाव में उन्होंने कुल 7.66 करोड़ रुपये की संपत्ति बताई थी। इस तरह पिछले पांच साल में उनकी संपत्ति में करीब एक करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। दस साल पहले यानी 2013 में उनके पास कुल 6.27 करोड़ रुपये की संपत्ति थी।

कमाई की बात करें तो 2018-19 में मुख्यमंत्री की कुल कमाई 29.28 लाख रुपये थी। अगले साल 2019-20 में उनकी कमाई बढ़कर 52.72 लाख रुपये हो गई। 2020-21 में उनकी कमाई 53.25 लाख रुपये रही। 2021-22 में उनकी कमाई घटकर 34.7 लाख रुपये हो गई और 2022-23 में यह 32.63 लाख रुपये रह गई।

शिवराज सिंह की पत्नी साधना सिंह की कमाई 2018-19 में 30.13 लाख रुपये थी। 2019-20 में उनकी कमाई बढ़कर 43.39 लाख रुपये हो गई। 2020-21 में साधना सिंह को 46.37 लाख रुपये की कमाई हुई। 2021-22 में उनकी कमाई बढ़कर 68.45 लाख रुपये हो गई। 2022-23 में यह घटकर 46.08 लाख रुपये रह गई।

शपथ पत्र में मुख्यमंत्री ने बताया है कि उनके पास 1.1 लाख रुपये नकदी के रूप में हैं, और उनकी पत्नी के पास 1.15 लाख रुपये नकद हैं। शिवराज सिंह के एसबीआई विदिशा बैंक खाते में 54.63 लाख रुपये, जिला सहकारी बैंक विदिशा में 4.79 लाख रुपये और एसबीआई वल्लभनगर भोपाल में 33.35 लाख रुपये जमा हैं। मुख्यमंत्री के नाम पर 30 हजार रुपये की एक बीमा है।

साधना सिंह के एसबीआई विदिशा बैंक खाते में 15.84 लाख रुपये जमा हैं। उनके जुमेराती (भोपाल) बैंक खाते में 4.48 लाख रुपये हैं। आईसीआईसीआई बैंक एमपी नगर, भोपाल खाते में साधना ने 50 लाख रुपये सावधि जमा और 1.5 लाख रुपये बचत खाते में जमा किए हैं। साधना के नाम 18 हजार रुपये सालाना बीमा की प्रीमियम जमा है।

मुख्यमंत्री के नाम पर कोई वाहन नहीं है, जबकि उनकी पत्नी के नाम पर 2000 मॉडल वाली एक एम्बेस्डर कार है, जिसकी कीमत 1.53 लाख रुपये है। शिवराज सिंह के पास 6 लाख रुपये के 96 ग्राम सोने के गहने हैं, जबकि साधना सिंह के पास 34 लाख रुपये के 535 ग्राम सोने के गहने हैं। मुख्यमंत्री के पास एक 5,500 रुपये की रिवॉल्वर और 3.5 लाख रुपये का घरेलू सामान है। उन्हें 7.45 लाख रुपये आयकर रिफंड मिला है। साधना सिंह ने 41,100 रुपये एडवांस सर्वधर्म के प्लाट के लिए दिए हैं।

मुख्यमंत्री के पास कुल 2.2 करोड़ रुपये की चल संपत्ति है, जिसमें से 1.11 करोड़ रुपये उनके नाम और 1.09 करोड़ रुपये साधना सिंह के नाम हैं। उनके पास विदिशा में एक और पैतृक गांव जैत में दो मकान हैं। उनकी पत्नी भोपाल की अरेरा कॉलोनी में बने तीन आवासीय खंडों की संयुक्त हिस्सेदार हैं। मुख्यमंत्री के पास चार जगह खेती की जमीन है, जबकि साधना सिंह के नाम दो भूखंड हैं। एक भूखंड शिवराज सिंह को विरासत में मिला है। शिवराज सिंह ने 6.42 करोड़ रुपये की खेती और मकान जैसी अचल संपत्ति बताई है।

शिवराज सिंह अपनी कमाई का स्रोत वेतन, किसानी और उद्यानिकी को बताते हैं। वहीं, साधना सिंह की कमाई का स्रोत किसानी, उद्यानिकी और किराया है। शिवराज सिंह ने हमीदिया कॉलेज (भोपाल विश्वविद्यालय) से 1982-83 में एमए (दर्शनशास्त्र) किया है।शिवराज सिंह अपनी कमाई का स्रोत वेतन, किसानी और उद्यानिकी को बताते हैं। वहीं, साधना सिंह की कमाई का स्रोत किसानी, उद्यानिकी और किराया है। शिवराज सिंह ने हमीदिया कॉलेज (भोपाल विश्वविद्यालय) से 1982-83 में एमए (दर्शनशास्त्र) किया है

शिवराज सिंह चौहान की कुल संपत्ति का आकलन विभिन्न स्रोतों के अनुसार किया गया है। 2023 में चुनाव आयोग को दाखिल किए गए हलफनामे के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति लगभग ₹15 करोड़ (भारतीय रुपये) आंकी गई है। इसमें उनके पास अचल संपत्ति, चल संपत्ति और निवेश शामिल हैं। यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि राजनीति में सक्रिय होने के बावजूद, चौहान ने अपनी संपत्ति को पारदर्शिता के साथ घोषित किया है और उनकी वित्तीय स्थिति में कोई अप्रत्याशित वृद्धि नहीं हुई है।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान: एक विस्तृत जीवन परिचय

परिचय

शिवराज सिंह चौहान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। उनका राजनीतिक करियर और नेतृत्व कौशल उन्हें भारतीय राजनीति में एक प्रमुख व्यक्ति बनाता है। इस लेख में, हम शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक सफर, उनकी निजी जिंदगी, उनकी उपलब्धियों और उनकी कुल संपत्ति के बारे में विस्तार से जानेंगे।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च 1959 को जैत, सीहोर जिले, मध्य प्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रेम सिंह चौहान और माता का नाम सुंदर बाई चौहान है। उनका बचपन एक सामान्य ग्रामीण परिवेश में बीता। शिवराज सिंह चौहान ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव के ही स्कूल से प्राप्त की और बाद में उन्होंने बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

उनकी शिक्षा ने उन्हें समाज और राजनीति की गहरी समझ दी, जिससे वे आगे चलकर एक कुशल नेता बन सके। शिवराज सिंह चौहान का बचपन और शिक्षा दोनों ही साधारण लेकिन महत्वपूर्ण रहे, जिसने उनके चरित्र और नेतृत्व क्षमता को गढ़ा।

राजनीतिक करियर की शुरुआत

शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक सफर 1975 में शुरू हुआ जब वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हुए। आरएसएस में शामिल होने से उन्हें समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा मिली। 1977 में, वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य बने और 1978 में उनके सचिव बने। 1979 में, वे एबीवीपी के राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद के सदस्य बने।

विधानसभा और लोकसभा चुनाव

शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक करियर 1989 में नई ऊंचाइयों पर पहुंचा जब उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव जीता और विदिशा से सांसद बने। इसके बाद, उन्होंने 1991, 1996, 1998, 1999, और 2004 में विदिशा से लगातार लोकसभा चुनाव जीते। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण संसदीय समितियों में सेवा की और अपनी नेतृत्व क्षमता को साबित किया।

शिवराज सिंह चौहान के लोकसभा सदस्य के रूप में कार्यकाल ने उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। उन्होंने कृषि, ग्रामीण विकास, और समाज कल्याण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया और अपने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को संसद में उठाया।

मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल

2005 में, शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। उनके नेतृत्व में, राज्य ने कई विकास परियोजनाएं और कल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं। उनके कार्यकाल में, मध्य प्रदेश ने कृषि, बुनियादी ढांचे और शिक्षा के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने किसानों के लिए “मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना” और महिलाओं के लिए “लाड़ली लक्ष्मी योजना” जैसी कई लोकप्रिय योजनाएं शुरू कीं।

शिवराज सिंह चौहान ने अपने मुख्यमंत्री पद के दौरान राज्य के विकास पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने सड़क, बिजली, पानी, और शिक्षा के क्षेत्र में कई सुधार किए। उनके कार्यकाल में मध्य प्रदेश की कृषि विकास दर देश में सबसे अधिक रही है। उन्होंने राज्य के किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य दिलाने के लिए कई कदम उठाए।

पुनर्नियुक्ति और चुनौतियां

शिवराज सिंह चौहान ने 2008, 2013, और 2020 में फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके नेतृत्व में भाजपा ने राज्य में मजबूत पकड़ बनाई और कई चुनावी जीत दर्ज कीं। हालांकि, उनके कार्यकाल के दौरान कई चुनौतियां भी आईं, जैसे कि किसानों की समस्याएं, बेरोजगारी, और बुनियादी सुविधाओं की कमी। लेकिन चौहान ने हमेशा इन चुनौतियों का सामना किया और सुधार के प्रयास किए।

शिवराज सिंह चौहान ने अपने कार्यकाल में विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए राज्य के विकास को प्राथमिकता दी। उन्होंने राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियों को लागू किया, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े। उनके नेतृत्व में, मध्य प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रगति की, जिससे राज्य के युवाओं को बेहतर शिक्षा और रोजगार के अवसर मिले।

कुल संपत्ति

शिवराज सिंह चौहान की कुल संपत्ति का आकलन विभिन्न स्रोतों के अनुसार किया गया है। 2023 में चुनाव आयोग को दाखिल किए गए हलफनामे के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति लगभग ₹15 करोड़ (भारतीय रुपये) आंकी गई है। इसमें उनके पास अचल संपत्ति, चल संपत्ति और निवेश शामिल हैं। यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि राजनीति में सक्रिय होने के बावजूद, चौहान ने अपनी संपत्ति को पारदर्शिता के साथ घोषित किया है और उनकी वित्तीय स्थिति में कोई अप्रत्याशित वृद्धि नहीं हुई है।

शिवराज सिंह चौहान की संपत्ति में उनके पास की गई जमीनें, घर, और निवेश शामिल हैं। उनकी संपत्ति में पारदर्शिता और ईमानदारी दिखाई देती है, जो उन्हें एक आदर्श नेता बनाती है। उनकी संपत्ति का मुख्य हिस्सा कृषि भूमि और उनके पैतृक घर से है। उन्होंने हमेशा अपनी संपत्ति का सही-सही विवरण चुनाव आयोग को दिया है, जिससे उनकी ईमानदारी और पारदर्शिता प्रकट होती है।

शासनकाल की उपलब्धियाँ

शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल में राज्य ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उन्होंने राज्य की सड़कों और बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है। उनके कार्यकाल में, राज्य में कई नई सड़कों का निर्माण हुआ और ग्रामीण इलाकों में भी सड़कों की स्थिति में सुधार हुआ।

शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में बिजली की समस्या को हल करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उन्होंने राज्य में बिजली उत्पादन को बढ़ाने के लिए नई परियोजनाओं को शुरू किया और ग्रामीण इलाकों में बिजली पहुंचाने के लिए विशेष योजनाएं लागू कीं। उनके नेतृत्व में, मध्य प्रदेश ने बिजली उत्पादन और वितरण में आत्मनिर्भरता हासिल की।

कृषि और किसान कल्याण

शिवराज सिंह चौहान ने अपने कार्यकाल में किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। उन्होंने किसानों के लिए “मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना” शुरू की, जिससे किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने किसानों की ऋण माफी, सिंचाई सुविधाओं में सुधार, और किसानों के लिए बेहतर बाजार सुविधा प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए।

उनकी सरकार ने “मुख्यमंत्री कृषक कल्याण योजना” के तहत किसानों को फसल बीमा, ऋण माफी, और अन्य आर्थिक सहायता प्रदान की। इसके अलावा, उन्होंने राज्य में कृषि अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए कई पहल कीं, जिससे किसानों को नई तकनीकों और उन्नत खेती के तरीकों का लाभ मिल सके।

शिक्षा और स्वास्थ्य

शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। उन्होंने राज्य में नए स्कूलों और कॉलेजों का निर्माण कराया और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। उनके नेतृत्व में, मध्य प्रदेश में शिक्षा का स्तर बढ़ा है और राज्य के युवा बेहतर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी उनकी सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने राज्य में नए अस्पतालों का निर्माण कराया और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। उनकी सरकार ने “मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना” के तहत राज्य के गरीब परिवारों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्रदान की है।

महिला सशक्तिकरण

शिवराज सिंह चौहान ने महिला सशक्तिकरण के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने “लाड़ली लक्ष्मी योजना” शुरू की, जिसके तहत राज्य की बेटियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत, बच्चियों के जन्म से लेकर उनकी उच्च शिक्षा तक की जिम्मेदारी राज्य सरकार उठाती है। इसके अलावा, उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कई कानून और योजनाएं लागू की हैं।

सामाजिक न्याय और विकास

शिवराज सिंह चौहान ने सामाजिक न्याय और विकास को भी अपने शासनकाल में प्राथमिकता दी है। उन्होंने राज्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और पिछड़े वर्गों के लोगों के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। उनके नेतृत्व में, राज्य ने सामाजिक न्याय के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

निष्कर्ष

शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक करियर और उनकी नेतृत्व क्षमता उन्हें भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बनाती है। उनकी मेहनत, समर्पण, और सेवा भावना ने मध्य प्रदेश को एक प्रगतिशील राज्य बनाने में मदद की है। उनकी कुल संपत्ति उनकी पारदर्शिता और ईमानदारी को दर्शाती है, जो उन्हें एक आदर्श नेता बनाती है। आने वाले वर्षों में, चौहान से और भी महत्वपूर्ण योगदान की अपेक्षा की जा सकती है क्योंकि वे राज्य और देश की सेवा में जुटे रहेंगे।

शिवराज सिंह चौहान की कहानी एक प्रेरणा है कि कैसे एक साधारण पृष्ठभूमि का व्यक्ति भी अपनी मेहनत और समर्पण से ऊंचाइयों को छू सकता है। उनका जीवन और उनके कार्य हमें सिखाते हैं कि अगर हमारे अंदर जुनून और दृढ़ संकल्प हो, तो हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं और अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।

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